रविवार, अप्रैल 22, 2012

चुभन..















सुबह-सुबह आँख खुली तो देखा,
रात की बारिश सूखे पत्ते हरे कर गयी है,
छत पर देखा तो वो गीले बाल छांट रही थी,
और मेरी ओर देख कर मुस्कुरा रही थी,
आज की ही बात थी शायद,

ख्वाब याद कहाँ रहते हैं |

4 टिप्‍पणियां:

मेरे ब्लॉग पर आ कर अपना बहुमूल्य समय देने का बहुत बहुत धन्यवाद ..