मंगलवार, अप्रैल 24, 2012

ये कैसी क्यों है..



गयी रात हवाएँ बड़ी जोर पर थी,
किताबों के पन्ने फडफडाने लगे,
मेरे यार की आदतें भी इन पन्नों के जैसी है,
कभी हवाओं से इधर कभी उधर ...

6 टिप्‍पणियां:

मेरे ब्लॉग पर आ कर अपना बहुमूल्य समय देने का बहुत बहुत धन्यवाद ..