1. बेवजह रूठा था तू,
मेरी आज तक मुझसे भी नहीं बनी..
2. काश लब्जों की तरह जस्बातों की भी आवाजें होती,
सुन कर हैरान रह जाते,
अपनी खुशकिस्मती पर.. 3. कुछ बचे आखिरी सिक्के भी खो आया था,
जैसे एक दिन तुम्हे खोया था, असफलताओं के दौर
में..
4. मेरे लब्जों की गहराई वो गर समझ जाती,
तो मुझसे मोहब्बत किये बगैर नहीं रह पाती..
सुन्दर है ये ! :)
जवाब देंहटाएंPadhkar dil ko acha laga Keep it up
जवाब देंहटाएंman do something better...... it's boaring
जवाब देंहटाएंBahut accha laga aisa hi message me dhund rahi thi
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