सोमवार, दिसंबर 19, 2011

ठूंठ


अकेला खड़ा है वह,
दूर से ही दिखता है, 
एक ठूंठ की तरह, 
आसमान को ताकता,
एक ठूंठ की तरह,
कभी आबाद था,
लोग कहते हैं,
कभी मुस्कुराया करता था,

लोग कहते हैं,
प्यार के सपने देखे थे |

6 टिप्‍पणियां:

मेरे ब्लॉग पर आ कर अपना बहुमूल्य समय देने का बहुत बहुत धन्यवाद ..